Monday, 26 August 2019

(Vasta Purana) वास्ता पुराना

वास्ता पुराना

हर लम्हा जो तेरी राह से गुजरा,
या तू मेरी दरमियान जब टकरा,
मानूँ क्या इसे एक बेतरतीब घटना ?
मगर दिल को लगा यह एक वास्ता पुराना

बातें कुछ मेरी हुई, बाकी तुम्हारी
शमा बस मेरी जली, माचिस तुम्हारी
कोई पूछे परवाना रोशन है या दीवाना ?
जो शमा के अक्स मैं चाहे जल जाना

यह अक्स एक दुनिया है, असल दुनिया
जल रहा है जहाँ पर, हर परवाना
शमा वस्ल की नहीं, जाने यह जमाना
शमा और परवाने का है महरबा पुराना 

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